द्वारका पुलिस ने 30 दिनों के अंदर 46 गुमशुदा बच्चों को अलग-अलग जानकारियों के माध्यम से ढूंढ निकाला है। इन बच्चों में 35 लड़कियां और 11 लड़के शामिल हैं। छोटे-छोटे नन्हे बच्चे खेलते-खेलते गुम हो जाते हैं। फिर घर पहुंचने की कोशिश में भटक कर दूसरी जगह निकल जाते हैं। बच्चों की गुमशुदगी के ज्यादातर मामलों में यही सामने आ रहा है। इसमे पुलिस को मिलती है, लोकल व्हाट्स ग्रुप से और अनाउंसमेंट से मदद। द्वारका जिला पुलिस ने जून महीने में चलाए गए स्पेशल ड्राइव में 30 दिन के अंदर 46 बच्चों को ढूंढकर उनके परिवारों तक पहुंचाया है।
इस बच्चों में 35 लड़कियां, जबकि 11 लड़के शामिल हैं। डीसीपी संतोष मीणा ने बताया कि गुम होने की सूचना मिलने पर संबंधित थाने की पुलिस टीम पीए सिस्टम से अनाउंसमेंट कराने के साथ-साथ एनजीओ की भी मदद लेती है। टेक्निकल सर्विलांस के साथ-साथ और भी उन तमाम पहलुओं पर काम करती है जिससे कि गुम हुए बच्चों को आसानी से ढूंढा जा सके।
इसमे लोकल पुलिस द्वारा बनाये गए व्हाट्सएप ग्रुप भी कारगर साबित होते है, जिससे गुम हुए बच्चों के बारे में जल्दी से जल्दी ज्यादा जानकारी शेयर की जाती है। कई बार हुआ है, की उसी जानकारी को फैलने से कुछ देर में पता चलता है, की वह गुम हुआ बच्चा उस पार्क में देखा गया और पुलिस तुरन्त उसे तलाश लेती है।
इसी का परिणाम रहा कि जून महीने में 46 बच्चों को ढूंढने में द्वारका जिला के अलग-अलग थानों की पुलिस टीम कामयाब रही। डीसीपी ने कहा यह अभियान आगे भी जारी रहेगा।
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